परछाई…
जन्म से अंत तक जो आपके साथ रहती है
वो हैं आपकी परछाई….
कभी आपके आगे, तो कभी आपके पिछे,
तो कभी आंख मिचौली का खेल खेलती हैं,
वो है आपकी परछाई…..
सुरज सर पे आते ही,
आपके कदमों के निचे छुप जाती हैं,
अंधेरे से शायद डरती होगी,
न जाने कहाँ गायब हो जाती है,
लेकीन अंधेरे में भी आपके साथ रहती हैं,
वो है आपकी परछाई……
चाहें कैसा भी मौसम आए,
चाहें कितनी भी मुश्किलें आए,
सुख हो या दुःख आए,
लेकीन फिर भी ये आपका साथ निभाती हैं
वो है आपकी परछाई……