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7 Aug 2023 · 1 min read

पप्पू नही, दरिया दिल इंसान है वो!

पप्पू नही, दरिया दिल इंसान है, वो
हाथरस हो या मणिपुर मणिपुर,
लोगों के दुख दर्द में आता जाता है वो,
पप्पू कहते नहीं थकते थे जिसे,
सभी खुलासे करता है वो,
हर बात उसी ने तो कही,
और निकली भी वो सही,
जनता अब समझ गयी,
धीरे धीरे ही सही!
पप्पू को पप्पू ठहराने में,
धन बहाया जाने अनजाने में ,
पर वह भी अब काम न आया,
था जिसको पप्पू ठहराया,
वह तो अब गुरु घंटाल बन निकला,
कभी नही अपने अपमान पर विचला,
लगा रहा अपने काम पे,
नये नए राज पास करने पै,
भट्टा परसौल हो या नोट बंदी,
काला धन हो या जी एस टी,
राफेल की बात हो,या पैगासस की,
अडानी का कच्चा चिठ्ठा हो,
या, अंबानी के प्रति निष्ठा,
सरकार की पक्षधरता पर ध्यान खिंचा,
वह रुका नहीं, वह झूका नहीं,
चाह सांसदी चली गयी,
चाह घर की छत हट गई,
वह टिका रहा, टूटा नहीं!
निकल पडा वह भारत भ्रमण को,
देश दुनिया को जानने समझने को,
पैदलयात्रा पर वह निकला,
हजारों हजार किलो मीटर तक चला,
अमन चैन का पैगाम लिए,
नफरत कै बाजार में,
प्यार मोहब्बत कि दुकान खोलने!
हर वर्ग हर तबके की बात,
लेकर चलता है वह सबको साथ,
वह लाल आंख का नही लैता सहारा,
वह छाती मापने की बात नहीं करता,
बस सच को सच है बताता,
कोई साथ रहे,या छोड़कर जाता,
वह नहीं थकता,वह नहीं घबराता,
प्यार मोहब्बत है फैलाता फैलाता,
पप्पू नहीं, वह दरिया दिल कहलाता!!

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