Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2019 · 1 min read

पनिहारिन की जात

होगी क्या इससे अधिक, हैरानी की बात !
पानी पीकर पूछता ,पनिहारिन की जात !!

भावी पीढ़ी मांग ले, कल को अगर जवाब !
पानी की हर बूँद का,..रखिए मित्र हिसाब !!
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 361 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रहगुज़र में चल दिखाता आइनें
रहगुज़र में चल दिखाता आइनें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शहर तुम्हारा है  तुम खुश क्यूँ नहीं हो
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
©️ दामिनी नारायण सिंह
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
Anil chobisa
मैं साधना उसकी करूं, जो साधता संसार है,
मैं साधना उसकी करूं, जो साधता संसार है,
Anamika Tiwari 'annpurna '
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
Rj Anand Prajapati
वोट डालने जाएंगे
वोट डालने जाएंगे
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
..
..
*प्रणय*
No love,only attraction
No love,only attraction
Bidyadhar Mantry
हो जाता अहसास
हो जाता अहसास
surenderpal vaidya
दीपावली उत्सव
दीपावली उत्सव
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वक़्त के साथ
वक़्त के साथ
Dr fauzia Naseem shad
कुछ कहती है, सुन जरा....!
कुछ कहती है, सुन जरा....!
VEDANTA PATEL
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
शेखर सिंह
रंगों में रंग जाओ,तब तो होली है
रंगों में रंग जाओ,तब तो होली है
Shweta Soni
23/134.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/134.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तलबगार दोस्ती का (कविता)
तलबगार दोस्ती का (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आसान होती तो समझा लेते
आसान होती तो समझा लेते
रुचि शर्मा
कुशल क्षेम की पूछ मत, पवन हृदय से बात ।
कुशल क्षेम की पूछ मत, पवन हृदय से बात ।
sushil sarna
"समन्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
*ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम (छह दोहे)*
*ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम (छह दोहे)*
Ravi Prakash
दोहा- अभियान
दोहा- अभियान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
Anil Mishra Prahari
घमंड करू भी तो किस बात का,
घमंड करू भी तो किस बात का,
पूर्वार्थ
मौज-मस्ती
मौज-मस्ती
Vandna Thakur
काल भैरव की उत्पत्ति के पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है. कहा
काल भैरव की उत्पत्ति के पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है. कहा
Shashi kala vyas
" आखिर कब तक ...आखिर कब तक मोदी जी "
DrLakshman Jha Parimal
मजदूर हूँ साहेब
मजदूर हूँ साहेब
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...