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17 Nov 2024 · 1 min read

पदावली

भाव पदावली

हरित चुनरिया ओढ़े धरती

हरित चुनरिया ओढे धरती।
शोभा मोहक उसकी ऐसे
दुल्हन सजधज जैसे रहती।।

धरा यौवना बन इठलाये,
रिमझिम बारिश सीने पड़ती।
पत्ती पत्ती है मुस्काई,
ये हरियाली मन को भरती।।

मौसम आया लेकर खुशियां,
तन मन महका छाई मस्ती।
बगिया सुंदर कोपल खिलते,
डाली डाली चिड़ियां सजती।।

सोंधी सोंधी खुशबू आये,
मिट्टी महके अच्छी लगती
छम छम करता सावन आया,
उर में सुर की लहरी बजती।।

सीमा शर्मा

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