पदावली
पदावली
स्यामल बादल गर्जन करते
स्यामल बादल गर्जन करते।
रिमझिम रिमझिम बरखा लाये,
हृदय धरा के ठंडक भरते।।
कब परदेसी साजन आएं,
नैना निशिदिन राहें तकते।
आस जगाते काले बादल,
पीड़ा सबके मन की हरते।।
फूलों से हैं धरा सजाते ,
हरे भरे सब पल्लव रहते।
मदमाता अब सावन आया,
मेघों से नित झरने बहते ।।
पेड़ो पर हैं बंधे झूले,
इंद्रधनुष हैं अंबर सजते।
बागों मीठी कोयल बोले,
मधुर संगीत हरपल बजते ।।
सीमा शर्मा ‘अंशु’