पदयात्रा
लगता है किरपा कर कर्म काटने कि मन में आई है,
गुरुदेव ने पदयात्रा की मेहर किरपा जीवो पर बरसाई है।
यह स्वर्णिम भाग्य है जो जीव सिर पर धार रहे हैं,
अकाट्य कर्म झंजाल को सतगुरु की किरपा से छांट रहे हैं।।
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आपका अपना
लक्की सिंह चौहान
बनेड़ा (राजपुर)