पत्र/ताँका/निमाई प्रधान’क्षितिज’
“तांका”
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[१]
अंतिम विदा !
अश्रुओं की तपन
गुलाबी सांझ
हमारे प्रेम पत्र
स्पंदित हैं आज भी!!
[२]
पायल बजी
यादें कुलबुलायीं
विकल मन
आहट पत्र-सम
प्रीति-चंद्रिका बिछी!
-@निमाई प्रधान ‘क्षितिज’
रायगढ़, छत्तीसगढ़
मो .7804048925