पत्रकारिता सामाजिक दर्पण
दर्पण सामाजिक कहें,लिखते सच है बात |
पत्रकार का काम यह,रोचक हो शह- मात |
रोचक हो शह -मात,उचित अभिव्यक्ति करेंगे|
पीड़ित सँग मजदूर, पत्र आवाज बनेंगे |
चाटुकार जो पत्र, करें खबरों का अर्पण|
लोकतंत्र पर धुंध,धुंध से धूमिल दर्पण|
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम