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24 May 2024 · 1 min read

पत्रकारिता सामाजिक दर्पण

दर्पण सामाजिक कहें,लिखते सच है बात |
पत्रकार का काम यह,रोचक हो शह- मात |
रोचक हो शह -मात,उचित अभिव्यक्ति करेंगे|
पीड़ित सँग मजदूर, पत्र आवाज बनेंगे |
चाटुकार जो पत्र, करें खबरों का अर्पण|
लोकतंत्र पर धुंध,धुंध से धूमिल दर्पण|

डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

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