********* पत्नी से साली मिली *********
********* पत्नी से साली मिली *********
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पत्नी से साली मिली , जीजू हुए हैरान।
पोल खोल दे ना कहीं , सोच कर परेशान।।
आँख मिचोनी खेलते, साली संग जनाब।
पत्नी साली हैँ ख़डी ,मांग ना ले हिसाब।।
होली खेली साथ मे , फैंका रंग गुलाल।
तन बदन हो ना लगा, मन में यही मलाल।।
रंग नूर मुख का उड़ा,मुखड़ा लाल गुलाब।
शकल अक्ल से पूछती,क्या दें भला जवाब।।
साली टेढ़ा देखती , पूछे हाल हाल।
जीजी से भी पूछती , जीजू क्यों बेहाल।
मनसीरत ना सूझता , कैसे करें सवाल।
कहीं गंगा उलटी बहे, हो न जाए बवाल।।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैंथल)