पत्नी की शान में मुक्तक
पत्नी की शान में मुक्तक
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है जीवन खाली खाली, साथ में न हो अगर पत्नी!
कि संग में एक फ्री लाती है, साली क्या गजब पत्नी,
मिले सलहज जो प्यारी, ऋतु बसंती झूम के आये,
कहें सच में खुशी का टोकरा, सबकी धरम पतनी!
कि अपनी पत्नी से हम तो, बराबर प्यार करते हैं!
वार सौ बार करती जब वो, हम एक बार करते हैं!
नहीं डरते हैं हम, न तुम डरो पत्नी से अब यारो,
कभी भी घर में घुसते हैं, हेलमेट लगा के घुसते हैं!
…… ✍ ‘प्रेमी’
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