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12 Jun 2022 · 1 min read

✍️पत्थर✍️

✍️पत्थर…!✍️
———————————–//
एक पत्थर तेरे हाथ में…
एक पत्थर मेरे हाथ में…

तू काँच की हवेली में खड़ा है
मैं आँच की हथेली पे पला हूँ,
आँधियों में भी बेख़ौफ़ जला हूँ…
और साथ लेकर कारवाँ चला हूँ…

अब तू भी सोच बदल पत्थर की
हर दफ़ा हाथ में पत्थर उठाने की
तब मैं भी बदलूँ इरादे हाथो के
हर दफ़ा नेक इरादों पर चलने की
———————————————-//
✍️”अशांत”शेखर✍️
11/06/2022

Language: Hindi
729 Views
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