पति नाहीं, साथी चाहीं
****(१)****
जइहअ जहां तू
हमके ले जइहअ
हमार पिया हो
हमके साथी बनइहअ
ना देवी बनइहअ
ना दानवी बनइहअ
हमार पिया हो
हमके साथी बनइहअ…
(२)
खइहअ जवन तू
हमके खिअइहअ
हमार पिया हो
हमके साथी बनइहअ
ना रानी बनइहअ
ना दासी बनइहअ
हमार पिया हो
हमके साथी बनइहअ…
(३)
ओढ़िहअ जवन तू
हमके ओढ़िहअ
हमार पिया हो
हमके साथी बनइहअ
ना अप्सरा बनइहअ
ना परी बनइहअ
हमार पिया हो
हमके साथी बनइहअ…
(४)
करिहअ जवन तू
हमसे करइहअ
हमार पिया हो
हमके साथी बनइहअ
ना मछली बनइहअ
ना तितली बनइहअ
हमार पिया हो
हमके साथी बनइहअ…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#FeministPoetry
#स्त्रीविमर्श