पतित मनुष्य
गुरु को मानना और गुरु की मानना बात
में बहुत बड़ा अंतर होता है ।
फिर भी खुद को जो जितना धर्मात्मा दर्शाए ,
समझो वोह व्यक्ति उतना ही पतित मनुष्य होता है।
गुरु को मानना और गुरु की मानना बात
में बहुत बड़ा अंतर होता है ।
फिर भी खुद को जो जितना धर्मात्मा दर्शाए ,
समझो वोह व्यक्ति उतना ही पतित मनुष्य होता है।