Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2024 · 1 min read

पता नहीं किसी को कैसी चेतना कब आ जाए,

पता नहीं किसी को कैसी चेतना कब आ जाए,
किसी से किस दिशा में कौन सा काम करवाए,
परिस्थितिवश होती है सबकी अपनी ही समझ…
सकारात्मकता संग नकारात्मक सोच भी ये लाए,
इंसान काफ़ी सोच-समझकर ही कोई कदम बढ़ाए।

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
Harminder Kaur
"सिलसिला"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य कभी निरभ्र नभ-सा
सत्य कभी निरभ्र नभ-सा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दूरी जरूरी
दूरी जरूरी
Sanjay ' शून्य'
अधिकार और पशुवत विचार
अधिकार और पशुवत विचार
ओंकार मिश्र
गैरों सी लगती है दुनिया
गैरों सी लगती है दुनिया
देवराज यादव
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स
Ranjeet kumar patre
शादीशुदा🤵👇
शादीशुदा🤵👇
डॉ० रोहित कौशिक
*अहंकार*
*अहंकार*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रंगों का बस्ता
रंगों का बस्ता
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
..
..
*प्रणय प्रभात*
नया साल
नया साल
अरशद रसूल बदायूंनी
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
Rj Anand Prajapati
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
दीपक झा रुद्रा
शादी ..... एक सोच
शादी ..... एक सोच
Neeraj Agarwal
मैंने किस्सा बदल दिया...!!
मैंने किस्सा बदल दिया...!!
Ravi Betulwala
किसी का दूर जाना
किसी का दूर जाना
Abhishek Bhandari
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आओ लौट चले
आओ लौट चले
Dr. Mahesh Kumawat
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Pratibha Pandey
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
Harinarayan Tanha
मर्यादा की लड़ाई
मर्यादा की लड़ाई
Dr.Archannaa Mishraa
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
gurudeenverma198
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
सत्य कुमार प्रेमी
3205.*पूर्णिका*
3205.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
..........अकेला ही.......
..........अकेला ही.......
Naushaba Suriya
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
Sûrëkhâ
"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
स्वरचित कविता..✍️
स्वरचित कविता..✍️
Shubham Pandey (S P)
Loading...