पतझड़ सिखाता है, मोह त्यागना। बिना मोह के जाने देना वाकई, कि
पतझड़ सिखाता है, मोह त्यागना। बिना मोह के जाने देना वाकई, कितना सुंदर होता है! अपनी सबसे सुंदर कोमल पत्तियों का भी डाली स्वयं परित्याग कर देती है और, जो पत्तियां डाल नहीं त्याजति वो वहीं डाली पर लटके हुए ही कंकाल में परिवर्तित होने लगती हैं।