पढ़-लिखकर जो बड़ा बन जाते हैं,
पढ़-लिखकर जो बड़ा बन जाते हैं,
आगे बढ़ने के द्वार कई खुल जाते हैं!
हर सुख-सुविधा होती है उनके लिए…
वे जहाॅं कहीं भी जब-जब जाते हैं!
तुम भी पढ़-लिखकर बड़ा बनो…
इस सच्चाई को तुम स्वीकार करो!
जब कोई संतान बड़े पद पर जाते हैं,
तो रिश्तेदार उनके फूले नहीं समाते हैं!
एक बार ही तो जी जान से मेहनत करना है,
फिर तो ज़िंदगी भर आराम ही करना है!!
…. अजित कर्ण ✍️