पड़ोसियों से दूर होता है देश
देश नीति को नई धार देने के लिए प्रधानमंत्री ने लगभग 52 देशों की यात्रा की परिणाम स्वरूप विश्व के अन्य देशों के साथ हमारे संबंध प्रगाढ़ तो हुए परंतु हम अपनी नीतियों से अपने पड़ोसियों को प्रभावित नहीं कर सकें 2014 में जब मोदी ने अपनी पारी शुरुआत की तब सार्क देशों पर बढ़ते चीनी प्रभाव को रोकने की बड़ी चुनौती उनके समक्ष थी अपने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों को निमंत्रण देकर मोदी ने पहली ही गेंद पर छक्का लगा दिया। पर्यवेक्षकों ने इसे असाधारण और ठोस शुरुआत की संज्ञा दी परंतु मोदी के लिए इस पारी को आगे बढ़ाना अत्यंत कठिन था। चीन ने अपनी आर्थिक और अंतरिक्ष कूटनीति से बांग्लादेश नेपाल श्रीलंका मालदीव और अफगानिस्तान जैसे हमारे मित्र देशों पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। बदलते अंतरराष्ट्रीय समीकरण के बीच भारत जैसे देश का अपने पड़ोसियों से दूर होना आर्थिक संस्कृतिक तथा सामरिक किसी भी दृष्टि से लाभकारी सिद्ध नहीं होगा अतः भारत को इन सभी मोर्चों पर चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा कर उसे मात देनी होगी।
रोहित राज मिश्रा
हिंदू छात्रावास इलाहाबाद विश्वविद्यालय