पड़ा हुआ हूँ
छित्त -विछित्त मैं पड़ा हुआ हूँ
अपने घर से लाओ चाकू थाली
चीर -चीर ले जाओ, चमड़ी
मांस नहीं है, इसमें
लात मारकर जाओ न
महक रहा रक्त मेरा,
और गिद्ध अभी आयेंगे
नोच -नोच कर खायेंगें
छित्त-विछित्त मै पड़ा हुआ हूँ
फेफड़ा भी फूंका हुआ है
गुर्दों में भी जान नहीं है
अंतड़ी वतड़ी पिचक गयी है
चाट कर मुझको बोल रहें
इसमें करारा मजा नहीं है
अब बस कंकाल पड़ा हुआ है