पगड़ी
सब #ख्वाहिशों को दफना कर एक #आरजू पाल रखी थी #हमने ।
जो #तकदीर’ में नहीं था मेरे उसे #पाने की #ठान रखी थी हमने ।।
#तूफान बनकर किसी #बाप की #पगड़ी आ गई मेरी जिंदगी में ,
#सात_फेरों से #पहले ही वो अपनी #दुल्हन मान रखी थी हमने ।।
#अधूरी मंजिल का सफर #छोड़कर बापस #आना पड़ा हमको,
वो #पराई हुई हम #वेजां हो गये क्योंकि #धड़कन मान रखी थी हमने ।।
? #राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी ✍