पकड़ लो भैया कुश घोड़ा
पकड़ लो भैया कुश घोड़ा इसे आगे न जाने दो
पकड़ लूं नाथ मैं कसकर जरा नजदीक आने दो
सजाया खूब है इसको किसी ने दिल लगा करके
हमारे दिल में भी चाह थी मिला है दिल लुभाने को
पकड़ लूं नाथ …..
लगी है फौजी भी पीछे कहीं खूंखार हो घोड़ा
नहीं परवाह है इसकी भी गुरुजी है सिधाने को
पकड़ लूं नाथ……
यदि मालिक लड़े इसका लड़ाई खान ली दिल से
यही हथियार काफी है मजा जंग में चखने को
पकड़ लूं नाथ……
करे बलदेव भी शिकवा नहीं घोड़ा करें वापिस
हुआ अधिकार अब अपना दिखा दे हम जमाने को
पकड़ लूं नाथ……