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8 Jan 2021 · 1 min read

पंजाबी गीत–‘सैल्फिया’

सैल्फिया वखा वखा के अपणी रोज ना मार सानु।
दो मुलाकाता तेरीया ने पैले ही मार सुटया जानु।।

वटसप ते तू है रोज पेजदी सैल्फी तू मतवाली,
उस सैल्फी दे विच जादु होंदा मैं बणया तेरा सवाली।
वेख वेख तेरी अदावा मन काबू करणा है मुश्किल,
हरदम घायल ही रहदा है निक्का जा ऐ मेरा दिल।
रहंदा ख्याल हुण तेरा ही छोड बैठा सारे कम्मा नु–

कदे लांदी चश्मे न्यारे कदो गले विच स्कार्फ तू पांदी,
बिंदी होंदी रंग बिरंगी होंठा रोज नवी लिपस्टिक लांदी।
जैन्टस कोट कदे तू पावे और गले विच लाकेट निराले,
कदे उठदी कदे बांदी स्टाइल मारदी माडला वाले।
जी करदा तैनू झप्पी पावा चूम्मा तेरे सोणे गाला नु–

अक्खा तेरे उस सैल्फी दे विच बोले प्यार दी बोली,
जुल्फा दा की कवा खिचदे तेरे कोल होली होली।
नूआ उते नेल पालिश रंग बिरंगी मैनु तू दिखलावे,
तू स्वर्ग तो उतरी कोई परी है विच ख्वाबा मेरे आवे।
सैल्फी पेजण तो तू बाज आजा हाथ मैं लावा कन्ना नु–

अशोक छाबडा, कवि, गुरूग्राम।

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 10 Comments · 505 Views
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