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2 May 2024 · 1 min read

न ही मगरूर हूं, न ही मजबूर हूं।

न ही मगरूर हूं,
न ही मजबूर हूं।
किसी के लिए काटा बबूल हू,
किसी के लिए सबसे विषैला तीर हूं।
न ही मगरूर हूं,
न ही मजबूर हूं।
जिम्मेदारियों से भरा इंसान भरपूर हूं,
किसी के लिए हीरा कोहिनूर हूं।
न ही मगरूर हूं,
न ही मजबूर हूं।
मजदूरी करने वाला एक मजदूर हूं,
फिर भी चौकीदार चोर हूं।

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