***न नीर बिना आधार***
आज अभी से जानो,कीमत जल की पहचानो।
मानो मेरी सीख मानो, वृद्ध तरुण ओ जवानों।
लो संकल्प को सिर पे धार,न नीर बिना आधार।।
झरने सदा थे बहते, कुएं बावड़ी हो चले रिते।
बिन पानी न जीवन बीते, संभलो आज अभी से।
रहो संचय को तैयार,न नीर बिना आधार।।
खनन न इतना करावो, पाताल में न पहुंचाओ।
नदी ताल तलैया बचाओ,संदेश समझ यह जाओ।
सब मिल के करो जयकार,बिन पानी नहीं संसार।।
लो संकल्प को सिर पे धार,न नीर बिना आधार।।
राजेश व्यास अनुनय