Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2022 · 1 min read

न जाने क्या मुझे सूझी, ये कैसे यार कर बैठै।

मुक्तक

1222………1222……..1222…….1222
न जाने क्या मुझे सूझी, ये कैसे यार कर बैठै।
कि नफरत थी मुझे जिससे, उसी से प्यार कर बैठे।
जिसे कांटे के जैसा, जिंदगी से दूर फेंका था,
ये क्या मुझको हुआ उसको, गले का हार कर बैठे।

……..✍️सत्य कुमार प्रेमी
स्वरचित एवं मौलिक

Language: Hindi
242 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all
You may also like:
मैं और सिर्फ मैं ही
मैं और सिर्फ मैं ही
Lakhan Yadav
■ #ग़ज़ल / #कर_ले
■ #ग़ज़ल / #कर_ले
*प्रणय प्रभात*
" जीत "
Dr. Kishan tandon kranti
दुनिया की ज़िंदगी भी
दुनिया की ज़िंदगी भी
shabina. Naaz
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कृष्ण मारे तो बचाए कौन? कृष्ण बचाए तो मारे कौन?
कृष्ण मारे तो बचाए कौन? कृष्ण बचाए तो मारे कौन?
Ujjwal kumar
मन का मिलन है रंगों का मेल
मन का मिलन है रंगों का मेल
Ranjeet kumar patre
2825. *पूर्णिका*
2825. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*आत्म-मंथन*
*आत्म-मंथन*
Dr. Priya Gupta
समरथ को नही दोष गोसाई
समरथ को नही दोष गोसाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
स्मरण और विस्मरण से परे शाश्वतता का संग हो
स्मरण और विस्मरण से परे शाश्वतता का संग हो
Manisha Manjari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
Manoj Mahato
किसने क्या खूबसूरत लिखा है
किसने क्या खूबसूरत लिखा है
शेखर सिंह
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्रणय गीत
प्रणय गीत
Neelam Sharma
Jindagi Ke falsafe
Jindagi Ke falsafe
Dr Mukesh 'Aseemit'
गिलहरी
गिलहरी
Kanchan Khanna
बहुत याद आता है
बहुत याद आता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
*रामपुर में सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के प्रत्यक्षदर्शी श्री रामनाथ टंडन*
*रामपुर में सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के प्रत्यक्षदर्शी श्री रामनाथ टंडन*
Ravi Prakash
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
Otteri Selvakumar
नव वर्ष हैप्पी वाला
नव वर्ष हैप्पी वाला
Satish Srijan
डर - कहानी
डर - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Deceased grandmother
Deceased grandmother
Tharthing zimik
शादी का बंधन
शादी का बंधन
पूर्वार्थ
कविता : चंद्रिका
कविता : चंद्रिका
Sushila joshi
बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..?
बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..?
पंकज परिंदा
फिर से आंखों ने
फिर से आंखों ने
Dr fauzia Naseem shad
Loading...