न आग लगावो —– छोड़ जाएं हम! — शेर
न आग लगावो दिलो में,
सुकून से जीने दो।
आप भी इंसान ,मै भी इंसान,
इंसानियत जिंदा रहने दो।
क्या पा लोगे नफरत करके, आप मुझसे,
आप भी जियो,
मुझे भी अपना ,जीवन जीने दो।।
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छोड़ जाएं हम मिलकर, जमाने में कुछ निशानियां।
खड़ी न हो आने वालो के लिए, परेशानियां।।
आओ मानवता पर चले,दोनों खूब फूले फले।
मिल बैठ के सुलझा ले,पैदा हुई जो खाईयां।।
राजेश व्यास अनुनय