Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

न आए तुम

किस दुनिया में
आजकल हो गुम
न आए तुम…
(१)
उदास कलियां
चिड़ियां गुमसुम
न आए तुम…
(२)
किसी और को
क्या लिया है चुन
न आए तुम…
(३)
सूखे पत्तों में
होती रुनझुन
न आए तुम…
(४)
शातिर हैं लोग
मेरा दिल मासूम
न आए तुम…
(५)
चारों ओर
शादियों की धूम
न आए तुम…
(६)
बेरंग लौटे
कितने फागुन
न आए तुम…
(७)
मेरी रूह की
पुकारें सुन
न आए तुम…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#दर्द_भरा_गीत #कसक #तनहाई
#दिलजला #यादें #टीस #उदासी
#वेदना #दर्द #पीड़ा #waiting
#lovers #sadsongs #प्रेमिका
#इंतजार #प्रतीक्षा #तुम_कब_आओगे

Language: Hindi
Tag: गीत
16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Where have you gone
Where have you gone
VINOD CHAUHAN
हाय रे गर्मी
हाय रे गर्मी
अनिल "आदर्श"
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
Ranjeet kumar patre
" सब किमे बदलग्या "
Dr Meenu Poonia
जागो जागो तुम सरकार
जागो जागो तुम सरकार
gurudeenverma198
" खामोशी "
Aarti sirsat
पत्तल
पत्तल
Rituraj shivem verma
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
पूर्वार्थ
बात मेरी मान लो - कविता
बात मेरी मान लो - कविता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अपनी क़िस्मत को हम
अपनी क़िस्मत को हम
Dr fauzia Naseem shad
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
मां शैलपुत्री देवी
मां शैलपुत्री देवी
Harminder Kaur
2869.*पूर्णिका*
2869.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्त्री न देवी है, न दासी है
स्त्री न देवी है, न दासी है
Manju Singh
घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women)
घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
विजेता
विजेता
Sanjay ' शून्य'
अब कहां लौटते हैं नादान परिंदे अपने घर को,
अब कहां लौटते हैं नादान परिंदे अपने घर को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"ओखली"
Dr. Kishan tandon kranti
मंथन
मंथन
Shyam Sundar Subramanian
ऐसे यूं ना देख
ऐसे यूं ना देख
Shashank Mishra
इज्जत कितनी देनी है जब ये लिबास तय करता है
इज्जत कितनी देनी है जब ये लिबास तय करता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
एक मशाल जलाओ तो यारों,
एक मशाल जलाओ तो यारों,
नेताम आर सी
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
शेखर सिंह
जय बोलो मानवता की🙏
जय बोलो मानवता की🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
*प्रणय प्रभात*
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी  !
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी !
DrLakshman Jha Parimal
दोस्ती एक पवित्र बंधन
दोस्ती एक पवित्र बंधन
AMRESH KUMAR VERMA
नववर्ष।
नववर्ष।
Manisha Manjari
Loading...