*नफरत का मूल कारण कूटनीति*
मिर्च मसाला बिखरा पड़ा,
जो चाहे जैसी सब्जी,व्यंजन ले बनाये,
तीखे फिके के चक्कर में….,
भूखा ही रह जाए…….,
अर्थातः-
भूखा व्यक्ति पसंद नहीं देखता,
जो पसंद देखे वह भूखा नहीं,
जिसको प्यास है वह जाति-वर्ण नहीं पूछता
पानी पी कर प्यास बुझा लेता है,
रोगी इलाज खोजता है,
पैथी में अंग्रेजी या देशी नहीं,
प्रसव में,सर्जरी में,हड्डी-फ्रैक्चर में
क्या अंग्रेजी क्या फारसी, क्या देशी?
.
कोई डिलीवरी देशी या अंग्रेजी
होती देखी है ….कभी,
अगर हाँ तो…
मैं आपको बता दूँ
पहले गर्भाशय का मुख खुलता है,
फिर बच्चा घाट से बाहर आता है,
और जन्म ले लेता है,ओर बाकी प्रक्रिया पूरी की जाती है,किसे धोखा दे रहे हो,
डॉ महेन्द्र सिंह खालेटिया,