नज़्म – मुझे तुमसे प्यार है
शीर्षक- ” तुझसे प्यार है ”
दिल से जुदा नहीं हो तुम,
मेरे ज़ेहन में तेरी यादें हैं ।
अधूरी हैं रस्में मोहब्बत की,
पतझड़ से ये तेरे वादे हैं ।।
हर सांस मुझे तेरा इंतज़ार है,
सच कहूं मुझे तुझसे प्यार है ।।
अहसास ए इश्क सुखन देता है,
विसाल ए यार तो चुभन देता है।
तेरे बिन तो ज़िन्दगी बेकार है,
सच कहूं मुझे तुझसे प्यार है ।।
आशिकों से ही इश्क ज़िंदा है,
मिसालें उनकी दी जाती हैं ।।
मोहब्बत में कंजूसी नहीं होती,
ये तो ख़ुले दिल से की जाती है।
तेरे बिन कहां दिल को करार है,
सच कहूं मुझे तुझसे प्यार है ।।
© डॉ वासिफ क़ाज़ी, इंदौर
©काज़ीकीक़लम