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26 Jul 2023 · 1 min read

नौकरिए के प्यार में

नौकरिए के प्यार में गइनी बुढ़ाएं हो
नौकरिए के प्यार में…
कब ई जवानी बितल, बचपन भुलाएं हो
नौकरिए के प्यार में गइनी बुढ़ाएं हो
नौकरिए के प्यार में…

कइसन ई प्रेम के, रोग लागल रहे
पढ़ें बबुआ मन लगाके, सब लोग इहे कहे
कइसन ई नौकरी के, रोग लागल रहे
आई बबुआ अफसर बनके, सब लोग इहे कहे
झुरा गइल जवानी बाल, गईल पकुलाएं हो
नौकरिए के प्यार में गइनी बुढ़ाएं हो
नौकरिए के प्यार में…
………….०००…………
कवि : जय लगन कुमार हैप्पी

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