नैनीताल ही हवा ताजी नहीं जहरीली है !!!!
नैनाताल शायद ही ये नाम देश और दुनिया में किसी ने ना सुना हो। इस नाम को सुनते ही आपके जहन में ताजी शुद्ध हवा का जिक्र आता होगा, लेकिन अगर हम आपसे कहें की जिस नैनीताल में आप शुद्ध हवा लेने आते हैं वो जहरीली है। तो शायद आप विश्वास ना करें। कुछ रिपोर्टस की मानें तो नैनीताल की हवा पहाडों की सबसे खराब हवा है।
लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ की जिस शहर की पहचान ताजी हवा से थी वहां की हर गली में अब प्रदूषण की गंध है।
नैनीताल सालों से ठंडी साफ हवा और ताजगी के लिए जाना जाता है। लेकिन अब इस साफ आबोहवा पर प्रदूषण की चादर चढ़ने लगी है। पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मानें, तो नैनीताल में बीते एक साल के अंदर पीएम 10 का स्तर 15 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ गया है जो साफ साफ खतरे की घंटी है।
हम इसके बारे में आगे बात करें इससे पहले ये जान लेना जरूरी है की पीएम 10 स्तर है क्या ?
आपको बता दें पीएम 10 हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों के बारे में बताता है PM10 कणों को रेस्पॉयरेबल पर्टिकुलेट मैटर भी कहा जाता है हवा में धूल के कणों को मापने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। PM 10 का सामान्य लेवल 100 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर होता है अगर ये लेवल कहीं पर 100 माइक्रोग्राम से ज्यादा है तो वहां रहने या जाने वाले लोगों में सांस, फेफड़े और हृदय संबंधी दिक्कतों आ सकती है।
दरअसल इस सब के पीछे की वजह यहां बढ़ते पर्यटक और उनके वाहन हैं। पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अपनी रिपोर्ट में बताया है की बीते एक साल में नैनीताल का पीएम 10 स्तर 76.77 माइक्रोग्राम पर क्यूब हो गया है जो तमाम पर्वतीय इलाकों में से सबसे ज्यादा है।
बीते साल की बात करें तो तब ये पीएम 10 स्तर 64.08 था यानी की इसमें 12.69 माइक्रोग्राम तक बढ़ोतरी हुई है।
हालांकि इससे पहले भी आर्य भट्ट प्रेक्षण वित्रान शोध संस्थान और दिल्ली विवि के वैज्ञानिकों ने इस विषय पर अपनी शोध प्रकाशित की थी जिसमें वैज्ञानिकों को यहां कार्बन डाइऑक्साइड के कण मिले जो बिलकुल वैसे है जैसे ग्लोबल वार्मिंग में मिलते हैं और इनकी मात्रा काफी ज्यादा है। वैज्ञानिकों का कहना था की धीरे धीरे नैनीताल की आबोहवा प्रदुषित होती जा रही है और अगर इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में नैनीताल के मौसम पर इसका गहरा असर देखने मिलेगा।
जो बात अब पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी सिद्ध कर दी तो अबकी बार आप नैनीताल जाएं तो जरा संभल कर