*नैनीताल चलते हैं (बाल कविता)*
नैनीताल चलते हैं (बाल कविता)
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1
ये बच्चे कितने खुश हैं,आँख में सपने मचलते हैं
उछलकर कह रहे हैं टाटा ! नैनीताल चलते हैं
2
ये बच्चे सब बताते हैं पहाड़ों की हमें बातें
यहाँ पर ठन्ड है जब भी दुपहरी में निकलते हैं
3
ये बच्चे कह रहे हैं नाव में है घूमना इनको
यहाँ पर रंग पानी झील के पल-पल बदलते है
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451