नैना मन भावन से
वो नैना मन भावन से ।
कारे कजरारे सावन से ।
बिजुरी चमके सावन की ।
झपकें पलकें साजन की ।
वो केश घनेरे काजल से ।
लहराते गहरे से बदला से ।
लहराती तब नागिन सी ।
भींगी लट जो साजन की ।
रिमझिम बूंदे सी सावन की ।
पायल खनकी साजन की ।
वो चितवन जीवन सी ।
धडक़त मन चेतन सी ।
वो नैना मन भावन से ।
कारे कजरारे सावन से ।
… विवेक दुबे”निश्चल “@..