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10 Apr 2022 · 1 min read

“नेह”

🌹”नेह”🌹
🌷🌷🌷🌷

नेह की धुरी पे ही सारा संसार टिका है ,
जीवन जीने का हर इक सार टिका है ,
क्यूॅं ना नेह के फूल हम यूॅं बरसाते चलें ,
जब इससे हर रिश्ता, परिवार भिंगा है।

“स्वरचित एवं मौलिक”‌।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°

Language: Hindi
5 Likes · 236 Views
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