नेतृत्व
अधिकांश आबादी का नेतृत्व कुछ निहित स्वार्थी हाथों में होता है , जो जनकल्याण की अपेक्षा स्वकल्याण के विषय में चिंतित रहते हैं।
अधिकांश आबादी का नेतृत्व कुछ निहित स्वार्थी हाथों में होता है , जो जनकल्याण की अपेक्षा स्वकल्याण के विषय में चिंतित रहते हैं।