नेता सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर कुछ कुंडलियां
नेता सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर कुछ कुंडलियां
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आजाद नही हुए हम,खड़ग बिना ढाल,
रक्त बहे थे देश में, धरती हुई थी लाल।
धरती हुईं थी लाल,वीरों ने दी थी कुर्बानी,
इस आजादी के खातिर, दे दी थी जवानी।
कह रस्तोगी कविराय,घर हुए थे बर्बाद,
तब कहीं ये देश हुआ था मेरा आजाद।।
हर जबान पर हो देश के नेताजी का नाम,
उन्हे भुलाना मै कहूं,गद्दारों का ही काम।
गद्दारों का ही काम, उन्हे दंड देना होगा,
रहे ये इस देश में,हमे पछताना ही होगा।
कह रस्तोगी कविराय,उन्हे करो कुर्बान,
तभी नेताजी का नाम लेगी हर जबान।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम