Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2019 · 2 min read

नेता मुक्तक

नेताओं को दे रखे हैं , सरकार ने बंगले और मोटर कार ।
मगर देश की जनता पर कर्ज की भरमार।
कर्ज़ की भरमार चैन से रह ना पाए।
भूखा रहे परिवार गमों को सह ना पाए।
फसल बोई जानी खेतों में रुपया लिया उधार।
सूद पर सूद लगाकर उनको लूट रही सरकार।
लूट रही सरकार साथ में लूटे साहूकार।

जेब काट के जनता की घूमें लंदन मय परिवार।
लंदन मय परिवार नशे में खूब ये झूमे ।
जनता का यह लहू जिसे पीकर ये घूमे।
ऐसे वतन का हाल क्या होना आखिरकार।
फूलों की महक में वो सुकून नहीं।
मैं जानती हूं आजकल के युवाओं में वह जुनून नही।
जो वतन जो वतन की खातिर ना खौले ,
वह जवानी का खून नहीं।
वतन सोने की चिड़िया ना रहकर रांग का हुआ जा रहा है ।
जो जीते हैं सर्दी सहकर उनके जिगर का खून हुआ जा रहा है
राजनीति को बना लिया है अब चौसर का खेल।
नेताओं के रूप में हुआ गुंडों का मेल।
हुआ गुंडों का मेल, राष्ट्र को कौन बचाय।
चारों ओर अराजकता और अविश्वास फैलाए,
विश्व बैंक में नेताओं ने खाते हैं खुलवाएं।
घोटालों से वतन बापुरा व्याकुल हो चिल्लाए।
व्याकुल हो चिल्लाए ,प्रभु का न्याय ये कैसा।
माई बाप लगता है सब कुछ इनका पैसा।
सांसदों से पूछो कैसे पद ये पाया।
फिल्म अभिनेता बनकर पहले नाम कमाया।
अनभिज्ञ राजनीति से फिर भी टिकट मंगाया।
पैसों की भरमार से भोली जनता को बहकाया।
सपने ,वादे झूठे दिलासे ,झूठी आशा।
कुशल खिलाड़ी राजनीति में फेंके पाशा।
चला जाएगा वतन बेचने रेखाआखिर तेल।
नेताओं के रूप में हुआ गुंडों का मेल।

Language: Hindi
1 Like · 528 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमारे सोचने से
हमारे सोचने से
Dr fauzia Naseem shad
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
Mukesh Kumar Sonkar
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
लिखा नहीं था नसीब में, अपना मिलन
लिखा नहीं था नसीब में, अपना मिलन
gurudeenverma198
!! सुविचार !!
!! सुविचार !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
छह दोहे
छह दोहे
Ravi Prakash
रास्ते और राह ही तो होते है
रास्ते और राह ही तो होते है
Neeraj Agarwal
श्रीराम गाथा
श्रीराम गाथा
मनोज कर्ण
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
Anil chobisa
कहाँ जाऊँ....?
कहाँ जाऊँ....?
Kanchan Khanna
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
Meera Thakur
दिल ऐसी चीज़ है जो किसी पर भी ग़ालिब हो सकती है..
दिल ऐसी चीज़ है जो किसी पर भी ग़ालिब हो सकती है..
पूर्वार्थ
Dad's Tales of Yore
Dad's Tales of Yore
Natasha Stephen
नारी तू नारायणी
नारी तू नारायणी
Dr.Pratibha Prakash
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
"जीवन क्या है?"
Dr. Kishan tandon kranti
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बंधे रहे संस्कारों से।
बंधे रहे संस्कारों से।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नंद के घर आयो लाल
नंद के घर आयो लाल
Kavita Chouhan
*वीरस्य भूषणम् *
*वीरस्य भूषणम् *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
23/75.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/75.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
घर एक मंदिर🌷
घर एक मंदिर🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
उमंग जगाना होगा
उमंग जगाना होगा
Pratibha Pandey
दूर चकोरी तक रही अकास...
दूर चकोरी तक रही अकास...
डॉ.सीमा अग्रवाल
* सहारा चाहिए *
* सहारा चाहिए *
surenderpal vaidya
"फ़र्श से अर्श तक"
*प्रणय प्रभात*
जिसको चाहा है उम्र भर हमने..
जिसको चाहा है उम्र भर हमने..
Shweta Soni
छंद -रामभद्र छंद
छंद -रामभद्र छंद
Sushila joshi
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
Acharya Rama Nand Mandal
Loading...