नेता गर बनना हो
नेता गर बनना हो, ये दिल में तमन्ना हो
काम चुन कर कोई, ऐसा नीच कीजिए,
चाहते हो आपको जो, मानते हो आपको जो
खोपचे में ले जाकर, उन्हें मूड़ लीजिए
लंबी लंबी फेंका करें, कभी भी ना झेंपा करें
पप्पु फेंकु होने तक, फाड़ू स्पीच दीजिए
मुख पर तेज रहे, इतना करेज रहे
गुरु जी की लंगोटी को , फाड़े फाड़े दीजिए
गाली गुत्था आता ही हो, पद सब भाता ही हो
पैसा चंदा सब कुछ, संत बन लीजिए
कोई गर विरोधी हो, सज्जन भले बोधी हो
बगुला भगत बन, उन्हें रेल दीजिए
बिकास बौखत रहें, ढ़ांचे दरकत रहें
पार्टी दल वाला सर, खेल कर लीजिए
फंसा कर निज पेंच, कर लियो सब केंच
माल मोटा देख कर, मेल कर लीजिए
सदानन्द कुमार
समस्तीपुर बिहार