नेताओं की होली
कभी अपशब्दों के कीचड़ की बौछार ।
तो कभी तानों और उलाहनों की धार ।
यूं नेताओं की होली तो साल भर है चलती ,
मगर इस विशेष दिन परस्पर ऐसे मिलते ,
जैसे बरसों बाद मिले कोई जिगरी यार ।
कभी अपशब्दों के कीचड़ की बौछार ।
तो कभी तानों और उलाहनों की धार ।
यूं नेताओं की होली तो साल भर है चलती ,
मगर इस विशेष दिन परस्पर ऐसे मिलते ,
जैसे बरसों बाद मिले कोई जिगरी यार ।