नेट क्वालिफाइड
एक अभिभावक की तरह आनंद ने आगे कहना जारी रखा- ‘घर बन रही है क्या ? कहीं स्थापित जॉब पा जाइये, यह नहीं चाहते आप !’
बिहार फारेस्ट रेंजर की वैकेंसी निकली है, साइंस ग्रेजुएट ही चाहिए ! अर्चना भर रही है, आप भी भर दीजिए ! नेट तो आपको निकालने ही होंगे, अन्यथा जिंदगी को कितना हताश और निराश करेंगी ! आप एनएससी हैं और अपनी क्षमता को पहचानिए !
आशुतोष को लगा कि उन्हें इस आशीर्वाद के अतिरिक्त और कुछ नहीं चाहिए । जब यही पुरस्कार अनमोल है और बहुमूल्य है, तो नेट निकालकर या जॉब पाकर वे क्या करेंगे, ऐसी आशीर्वादों से ही जिंदगी कट जाएगी !