नूतन वर्ष (मत्तगयंद सवैया छंद)
नूतन वर्ष (मत्तगयंद सवैया छंद)
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देश रहे बदहाल सभी बदहाल रहे जग के नर-नारी,
संकट था चहुँओर रहा पर संकट पे यह साहस भारी,
मान लिया गुजरा यह साल कृपाण भले इक तेज दुधारी,
नूतन वर्ष सभी जन में खुशियाँ भर दे महके फुलवारी।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 22/12/2020