नूतन बर्ष
लो आया नव नूतन वर्ष
एक नए जोश के संग एक नए विश्वास के संग
फिर मन के दीप जलाओ
जो बीत गया
सो बीत गया
नई खुशियों के संसार सजाओ
जीवन के इस आंगन में मना बहुत कुछ छूटा है लेकिन जो बीत गया
ना लौट कभी वोआता है
एक नई आशा का दीप जलाओ
खुल के मन से करो स्वागत
झूमो नाचो और गाओ फिर मन में एक दीप जलाओ
रचना कोई नई बनाओ जीवन के दुख को बिसराओ
सुख का नया संसार रचाओ
कार्तिक नितिन शर्मा