नील नभ पर उड़ रहे पंछी बहुत सुन्दर।
नील नभ पर उड़ रहे पंछी बहुत सुन्दर।
भोर है पूरब दिशा में आ गया दिनकर।
फूल भी खिलने लगे हैं रंग मनभावन।
जब अहर्निश गीत कलकल गा रहे निर्झर।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य
नील नभ पर उड़ रहे पंछी बहुत सुन्दर।
भोर है पूरब दिशा में आ गया दिनकर।
फूल भी खिलने लगे हैं रंग मनभावन।
जब अहर्निश गीत कलकल गा रहे निर्झर।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य