नीरव मोदी एक और नटवर लाल -1
एक बात तो पक्की है, नीरव मोदी एक और नटवर लाल है। जिसने डाका डाला, और बैंक को पता ही नहीं चला, सोचने की बात है। पंजाब नेशनल बैंक की हैसियत 35000 करोड़ की और साहब पर लुटा दिये गये 11400 करोड़। गनीमत है कि यह आँकड़ा लगभग 32% पर ही सिमट गया। कही यह आँकड़ा 40 या 50 % के आस पास होता, तो जरा सोचिये, स्थिति कितनी विस्फोटक होती। बैंक को तो हुजूर का शुक्रिया अदा करना चाहिए। कि उन्होंने यह आँकड़ा सिर्फ 11400 करोड़ पर ही सिमटा लिया। वरना आपकी बैंक ही ना बचती। कुंभकरण की नींद तो 6 माह बाद टूट भी जाती थी। लेकिन आप तो इनसे भी कई कदम आगे नही, सालो आगे है। आपको सात सालो के वाद होश आया कि आपकी शाखा मे घपला हुआ है। क्या कहने! आपको पता ही नही कि आपकी जेव से 32% कैश बांटा जा चुका है। आपकी बैलेंस शीट कैसे दुरूस्त रही इतने समय तक। ये या तो आप (बैंक) जानते है या भगवान। इसको बैंक ने “मुंबई की ब्राडी हाउस शाखा मे घोटाला” नाम दिया। बैंक आप परेशान ना हो, इसकी वसूली के लिए हम है ना। आप हम पर अतिरिक्त सेवा करो की भरमार कर सकते है। और इस पर सरकार को भी कोई आपत्ति ना होगी। आपका अग्रणी बैक भारतीय स्टेट बैंक से कुछ सीखिये आप। जिसने जनता के पैसो पर ऐसी छुरी चलाई। कि जनता के खातो से कटी धनराशि बैंक के 2017 की दूसरी तिमाही के कुल लाभ से भी अधिक थी। स्टेट बैंक ने इस वर्ष नवम्बर तक 1771 करोड़ रूपये एमएवी (मंथली एवरेज वैलेंस) के नाम पर काटे, जवकि 2017 की दूसरी तिमाही का कुल लाभ 1581.55 करोड़ रूपये रहा। अव बताईये आप। हम तो ठहरे मोदी भक्त, डिजिटल इंडिया का राग अलापते-अलापते हम तो भईया कैश लैश हो गये। अरे, आपकी क्या मजाल है, जो आप कैश वचा ले। एक मोदी ने देश की जनता को कैश लैश करने का मन वना रखा है। और दूसरा मोदी पंजाब नेशनल बैंक को कैश लैश करने मे लगा है। बैंक अपने मौजूदा ग्राहको को तसल्ली देने मे लगा है। लेकिन ग्राहक बेचैन है। उसकी तो रातो की नींद ही उड़ चुकी है। यह सोच-सोच कर कि कही उसके खून पसीने की कमाई ना डूव जाये। और ऊपर से मोदी सरकार ने एफआरडीआई विल 2017 लाने वाली है। जिसके तहित यदि कोई बैंक दिवालिया होता है या उसकी माली हालत खराव होती है तो सरकार की उस जमा धनराशि की कोई गारंटी नही है। अव बैंक निर्णय करेगा की आपकी कितनी धनराशि लौटानी या विल्कुल नही लौटानी है। जवकि इसके पहले वैक अपकी जमा धनराशि पर एक लाख रुपये (अधिकतम) ही अदा करता था। और वाकी वची रकम का उपयोग अन्य भुगतान और बैंक अपनी माली हालत ठीक करने मे लगाने का प्रावधान था। इन सब बातों से आप भयभीत ना हो। पंजाब नेशनल बैंक लगातार कह रहा है कि उसकी माली हालत ठीक है और उसे ऐसी समस्याओ से निपटना वखूवी आता है। अव ग्राहक निपटे या बैंक मे जमा ग्राहकों का पैसा, इसकी गारंटी किसी की नही। मौजूदा ग्राहकों पर अव कितना शुल्क विभिन्न सुविधाओं के नाम पर लादा जायेगा ये तो अब वक्त ही वतायेगा। अभी तक लोग सोचा करते थे कि पैसा सिर्फ राष्ट्रीयकृत बैंक मे ही जमा करना चाहिए। जिसकी गारंटी कम से कम सरकार की तो होती है। लेकिन सरकार ने इससे अपना पल्ला झाड़ने की तैयारी कर ली है। अर्थव्यवस्था गर्त मे मिलने को हिलोरे मार रही है। और मस्त मौला जेटली साहिब अपनी चिरपरिचित चाल में चले जा रहे है – चले जा रहे है। जनता के ऊपर लगने वाले टैक्सो का ग्राफ वड़ता चला जा रहा है। जीएसटी ही तो सही से समझ आया नही था कि ऊपर से ईवे विल और थमाया जा रहा है। पेट्रोल डीजल के दाम पहले से ही आसमान छू रहे थे। और सेस के लगने मात्र से ही मानो ऐसा लग रहा है जैसे हम पूरे ब्रम्हांड की सैर कर आये हो। हम टैक्सो के भवसागर मे डुवकी लगा रहे है। मानो सरकार हमे पूरी तरह से टैक्स के सागर में डुवो देना चाहती हो। हमे आनंदित करने लिये मोदी जी आपका शुक्रिया। नीरव मोदी सरकारी एजेंसियों की पकड़ से दूर है। पहले ही माल्या को प्रत्यर्पण कराने मे सरकार की सांसे फूल रही है। अव नीरव मोदी गले की फांस वन गया है। इस मामले मे यहाँ नीरव मोदी ही एक मात्र दोषी नही है। बैंक भी उतना ही दोषी है। बैंक ने कैसे एलओयू जारी कर दिया। चलिये मान भी ले कि एलओयू मे जालसाजी की गयी। एलओयू जारी भी हो गया, बैंक ने पैसा भी अन्य बैंको को भेज दिया। बैंक के नाक के नीचे 7 वर्षो तक बैंक के कार्मचारीयो की मिलीभगत के चलते, बैंक मे घपलेवाजी चलती रही। और तो और, बैंक को इसकी कानो कान खवर भी नही हुई। अव किसने, बैंक के कौन से, लूप प्वांट का फायदा उठाकर नीरव मोदी को हजारो करोड़ रूपये लुटवा दिये। ये तो कई सालो की जांच के वाद ही पता चलेगा। लेकिन बैंक की शाख पर तो वट्टा लग ही गया है। बैंक ने कैसे अपने कुल कैपिटल का 32 % एक ही व्यक्ति को ऋण के तौर पर दे दिया।
शेष….