नीति दोहे
समय कभी ना तोलिए, समय बड़ा बलवान
राजा होय रंक कभी, रंक बने धनवान।
आज समय कुछ और है, काल रहेगा और
विष्णू साधो बन गया, कल तक था जो चोर।
समय बन सब काम सरे, समय बिगाड़े काम।
गधे सिर पर ताज रखे, चले समय जो साथ।
-विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’
समय कभी ना तोलिए, समय बड़ा बलवान
राजा होय रंक कभी, रंक बने धनवान।
आज समय कुछ और है, काल रहेगा और
विष्णू साधो बन गया, कल तक था जो चोर।
समय बन सब काम सरे, समय बिगाड़े काम।
गधे सिर पर ताज रखे, चले समय जो साथ।
-विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’