नीति के दोहे
1
अहंकार त्यागे बिना, शिक्षा दुर्लभ होय
रूस और यूक्रेन का , युद्घ न टाला कोय
2
जो भी अपने आप को, छोटा लेता मान
उसकी सच्ची जीत है, जाए सकल जहान
3
लेने से पहले मनुज , देना लीजे सीख
बिन मांगें उसको मिले, जग में जानो भीख
4
सब जीवो मे जो करे, दर्शन हैं भगवान
मंदिर मस्जिद बिन गए उसका है कल्याण
5
युद्ध कबहु मत कीजिए , दोनों जाते हार
महाभारत से हो चुका, है सबका संहार