नींबू
महंगाई की गहरी चोट पर रेट के कुंठित घाव
चढ़ गए
रहन – सहन के साधन भी महंगाई के अलाव
चढ़ गए
आदमी के रिहाईड्रेशन का सहारा एक मात्र नींबू
ही था,
गर्मी की भयंकर मार में भईया नींबू के भी भाव
चढ़ गए
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
महंगाई की गहरी चोट पर रेट के कुंठित घाव
चढ़ गए
रहन – सहन के साधन भी महंगाई के अलाव
चढ़ गए
आदमी के रिहाईड्रेशन का सहारा एक मात्र नींबू
ही था,
गर्मी की भयंकर मार में भईया नींबू के भी भाव
चढ़ गए
-सिद्धार्थ गोरखपुरी