नींद रातों की भी रुखसत हो गई।
मुक्तक
नींद रातों की भी रुखसत हो गई।
आपसे मुझको मुहब्बत हो गई।
कर लिया स्वीकार मेरा प्यार जो,
आपकी मुझ पर इनायत हो गई।
…….✍️ प्रेमी
मुक्तक
नींद रातों की भी रुखसत हो गई।
आपसे मुझको मुहब्बत हो गई।
कर लिया स्वीकार मेरा प्यार जो,
आपकी मुझ पर इनायत हो गई।
…….✍️ प्रेमी