नींद का चुरा लेना बड़ा क़ातिल जुर्म है
नींद का चुरा लेना बड़ा क़ातिल जुर्म है
आँखों में बसें ख़्वाब ही फ़ना हो जाते है
ये रूह फिर जिंदा लाश सी बेजान रहती..
साँसे चलती है एहसास तन्हा हो जाते है
®©-‘अशांत’ शेखर
25/03/2023
नींद का चुरा लेना बड़ा क़ातिल जुर्म है
आँखों में बसें ख़्वाब ही फ़ना हो जाते है
ये रूह फिर जिंदा लाश सी बेजान रहती..
साँसे चलती है एहसास तन्हा हो जाते है
®©-‘अशांत’ शेखर
25/03/2023