[[ निहारूँ तुम को जी भरकर अगर अधिकार हो जाये ]]
निहारूँ तुम को जी भरकर अगर अधिकार हो जाये
कसम से देख ले जो भी वही दिलदार हो जाये
कँवल से होंठ नाज़ुक हैं कली हो तुम बहारों की
मुहब्बत में तुम्ही जीतो नितिन की हार हो जाये
Nitin sharma
निहारूँ तुम को जी भरकर अगर अधिकार हो जाये
कसम से देख ले जो भी वही दिलदार हो जाये
कँवल से होंठ नाज़ुक हैं कली हो तुम बहारों की
मुहब्बत में तुम्ही जीतो नितिन की हार हो जाये
Nitin sharma