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12 Oct 2024 · 3 min read

निष्काम कर्म कैसे करें। – रविकेश झा

नमस्कार दोस्तों आज बात कर रहे हैं निष्काम के बारे में निष्काम क्या है और इसे कैसे जीवन में रूपांतरण करें।

निष्काम का अर्थ होता की किसी भी प्रकार की इच्छा या आकांक्षा से निर्लिप्त हो। काम तो हो लेकिन उस काम से कोई फल या लाभ और हानि से कोई मतलब नहीं हो। यह एक ऐसी अवस्था है जहां व्यक्ति अपने कार्यों में किसी भी प्रकार के फल या परिणाम की इच्छा नहीं रखता, बल्कि केवल अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए कार्य करता है जो स्वाभाविक है।

अब बात करते हैं की निष्काम भाव कैसे उत्पन्न होगा।

यह एक ध्यान विधि जागरूकता से स्पष्ट होता है उसे हम ध्यान के माध्यम से देख सकते हैं और कर सकते हैं। जब आप सभी मन को जानते हो तभी आप समर्थ होते हैं। आप उसे प्रतिदिन जीवन में ध्यान जागरूकता से चक्र को जगा सकते हैं और निष्काम भाव में आ सकते हो। अध्यात्मिक विकाश की बात जब आती है तब जागरूकता का नाम सबसे ऊपर दिखाई परता है। सही मायने में यही आनंदित जीवन का द्वार है।

इसके बाद आप किसी भी प्रकार की इच्छा या आकांक्षा से मुक्त हो जाते हैं। बस कर्तव्य बच जाता है जिसे आप आनंदित होकर पूर्ण करोगे क्योंकि आप जान लेते हो की कामना किसके लिए करें किसके लिए लाभ किसके लिए पद प्रतिष्ठा सब मिल जाता है। उसके बाद कोई भी फल का इच्छा नहीं रहता है। बल्कि कार्यों में आत्म-संतुष्टि प्राप्त होने लगता है।

स्वार्थ से मुक्ति होने लगता है क्योंकि सब कुछ जानने में आप समर्थ हो जाते हो मानने का कोई रास्ता ही नहीं रहता। आप दूसरों की सेवा में लग जाइए करुणा करने का मन करेगा। जैसे की आप सब कुछ लूटना चाहोगे। उसके बाद आप परमात्मा के लिए कार्य करोगे अपना स्वार्थ नहीं रहेगा यही कर्मयोग है। अपने विचारों को देखें भावना को भी देखें अपने विचार को सकारात्मक और आध्यात्मिक दिशा में रखें। अपने इच्छा को त्यागें नहीं बस देखते रहे आप स्वयं चौंक जाएंगे परिणाम देखकर। जीवन में स्वयं को देखें संतुष्टि का भाव आ जायेगा और इच्छा निष्काम में रूपांतरण हो जायेगा।

अपने आप को जानने का प्रयास करें अपने जीवन के उद्देश्य को जानने में ऊर्जा का उपयोग करें। पहले भी बता चुका हूं की ध्यान योग का अभ्यास करना होगा तभी मन शांत होगा। दूसरों को देने का प्रयास करें करुणा का बस यही जीवन में सार्थक है क्योंकि यहां बचने वाला तो है नहीं कुछ सब छीन जायेगा हमें करुणा सेवा करना चाहिए।
इसके बाद आप दया क्षमा और प्रेम के रास्ते पर चलेंगे। आध्यात्मिक मार्गदर्शन करना होगा आध्यात्मिक गुरु या मार्गदर्शक की सलाह लें और उनके दिशानिर्देशों का पालन करें और जीवंत होते रहे।

उसके बाद आप को लाभ ही लाभ दिखाई देगा उसके बाद आप आत्म-शांति प्राप्त करोगे जीवन में उद्देश्य को समझेंगे दूसरों की सेवा दया प्रेम के रास्ते पर चलोगे। मन शांत होगा और सार्थक निर्णय लोगे। आध्यात्मिक विकास होगा। निष्काम जीवन का बहुत महत्व है आप ध्यान और जागरूकता से सब स्पष्ट कर लोगे और निरंतर अभ्यास से आप ऊपर उठने लगोगे। इसलिए ध्यान करना चाहिए ध्यान में आपको बहुत अधिक फायदा होगा जो जीवन में नया क्रांति लायेगा। तभी आप निष्काम को उपलब्ध होगे और जीवन में आनंदित महसूस करते रहोगे और निरंतर जीवंत रहोगे।
धन्यवाद।🙏❤️
रविकेश झा।

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